इस पोस्ट मे हम यह जानेंगे की 5G क्या है, कैसे काम करता है और यह पिछले जनरेशन जैसे की 1G, 2G, 3G और 4G मोबाइल नेटवर्क्स से कैसे अलग है। इसमें G का मतलब जनरेशन यानी पीढ़ी ऐसा होता है।
5G टेक्नॉलॉजी क्या है(what is 5G)-
5वे जनरेशन (5th Generation) के मोबाईल नेटवर्क को 5G कहा जाता है. जैसे 2G, 3G ओर 4G है वैसे ही ये 5g नेटवर्क है. ये 4G टेक्नॉलॉजी से बहुत आगे है. 5G भारत की सबसे नयी मोबाईल इंटरनेट टेक्नॉलॉजी है. 5G से इंटरनेट और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में नई क्रांति आई है।
वायरलेस टेक्नोलॉजी का अविष्कार (Evolution of Wireless technology)-
1) 1G-
1G (First Generation) टेक्नोलॉजी 1990 में आई थी। ये मोबाइल नेटवर्क की सबसे पहली पीढ़ी थी इसीलिए इसे फर्स्ट जनरेशन कहा गया है। इसमें हमे सिर्फ 2.4 KB प्रति सेकंड की स्पीड मिलती थी जो की उस जमाने में बहुत ही ज्यादा हुवा करती थी। 1G टेक्नोलॉजी एनालॉग सिग्नल पर काम करती थी जोकि हमे सिर्फ और सिर्फ वॉइस कॉलिंग की सुविधा देती थी।
2) 2G-
2G(Second Generation) टेक्नोलॉजी का अविष्कार Finland में 1991 में हुवा था और बाद में भारत में यह टेक्नोलोजी 1995 में आई थी। भारत ने पहली बार 2G टेक्नोलोजी का ही उपयोग किया था। जैसे की 1G (फर्स्ट जनरेशन) टेक्नोलोजी एनालॉग सिग्नल पर आधारित थी वैसे ये 2G टेक्नोलोजी (Digital Signal) डिजिटल सिग्नल पर काम करती थी। इसकी खास बात ये थी कि इसमें आप इंटरनेट भी चला सकते थे और इंटरनेट की शुरुवात भी इसी टेक्नोलॉजी के साथ हुई थी।
थोड़े ही दिन में 2G और विकसित होकर 2.5G होगया जिसमे GPRS (GENERAL PACKET RADIO SERVICE) था। इसमें इंटरनेट की स्पीड 64kb पर सेकंड मिलती थी जो कि 1G के मुकाबले बहुत ही ज्यादा थी। इसमें आप SMS, MMS, ईमेल और वेब ब्राउजिंग भी कर सकते थे।
3) 3G-
3G(Third Generation) टेक्नोलोजी का अविष्कार पहली बार जापान में 2001 में हुवा था और भारत में यह टेक्नोलोजी 2008 में आई थी। 3G पैकेट स्विचिंग (Packet Switching) टेक्नोलोजी पर काम करती थी जोकि उस वक्त की एडवांस टेक्नोलॉजी थी। इसका डेटा ट्रांसफर रेट 384kb पर सेकंड से 2 Mb पर सेकंड था जोकि 2G के मुकाबले बहुत ही ज्यादा था।
3G टेक्नोलोजी में वीडियो कॉल और ऑनलाइन 3D गेम्स जैसी फैसिलिटी प्रदान की गई थी।
4) 4G-
4G(Fourth Generation) टेक्नोलोजी स्वीडन में पहली बार 2009 में और भारत में इसकी शुरुवात 2012 में हुई थी। 4G LTE यानी LONG TERM EVOLUTION टेक्नोलोजी पे काम करती है। अभी के समय में 4G टेक्नोलोजी हर शहर में और हर गांव में उपलब्ध हैं। 4G इस समय में सबसे ज्यादा अधिक उपयोग की जाने वाली टेक्नोलॉजी है।
4G का इंटरनेट स्पीड 100Mbps पर सेकंड तक है। इसमें हमे बिना किसी रुकावट के ऑनलाइन हाई क्वालिटी वीडियो स्ट्रीमिंग की सुविधा प्रदान की गई है जोकि 2G और 3G मैं नामुमकिन जैसा था।
5) 5G-
5G(Fifth Generation) टेक्नोलोजी की शुरुवात पहली बार सन 2019 में साउथ कोरिया में हुई थी और भारत यह टेक्नोलोजी 2023 में आई। 5G टेक्नोलोजी NR यानी (New Radio) न्यू रेडियो नामक सबसे नवीनतम टैक्नोलॉजी का उपयोग करती हैं। 5G का इंटरनेट स्पीड 10gb पर सेकंड तक है यानी ये अब तक की जनरेशन का सबसे अधिक इंटरनेट स्पीड है। 5G टेक्नोलोजी को कई इंटरनेट सेवाओं के लिए बहुत ही आदर्श माना जा रहा है। जैसे की सेल्फ ड्राइविंग कार्स, 4K हाई क्वालिटी वीडियो स्ट्रीमिंग, VR वर्चुअल रिएलिटी (Virtual Reality) ईत्यादी।
How works 5G- 5G कैसे काम करता है ?
5G New Radio (NR) Frequency सिग्नल पे काम करता है।
5G इंटरनेट में 3 फ्रीक्वेंसी बैंड है लो, मिड,और हाई फ्रीक्वेंसी बैंड। लो फ्रीक्वेंसी में 600, 700, 800, 900, 1800, 2100, 2300 मेगाहर्ट्ज आते हैं। मीडियम फ्रीक्वेंसी में 3300 मेगाहर्ट्ज आती हैं और वही हाई फ्रीक्वेंसी में 2600 गीगाहर्ट्ज की फ्रीक्वेंसी आती हैं।
लो फ्रीक्वेंसी बैंड(Low Frequency Band -
इसका नेटवर्क कव्हरेज बडिया होता है लेकिन स्पीड ज्यादा नहीं होती। ये 4G के मुकाबले केवल 20 प्रतिशत ही ज्यादा तेज होता है।
मिड फ्रीक्वेंसी बैंड(Mid Frequency Band -
इसका नेटवर्क कव्हरेज और इंटरनेट स्पीड दोनो संतुलित होते हैं।
हाई फ्रीक्वेंसी बैंड(High Frequency Band -
हाई फ्रीक्वेंसी बैंड में हमे इंटरनेट स्पीड बहुत ज्यादा मिलती है लेकिन इसका नेटवर्क कव्हरेज एरिया थोड़ा कम होता है जिससे इसे अधिक दूरी तय करने केलिए संघर्ष करना पड़ता है। हमे सुपरफास्ट 5G इंटरनेट का अनुभव इसी बैंड से होता है! हायर बैंड्स का उपयोग होता है जो काफी ज्यादा तेज होते है जिससे डेटा लंबी दूरी तक पहुंचना दिक्कत वाली बात होती हैं, ऐसे में 5G मल्टीपल इनपुट और मल्टीपल आउटपुट एंटेना का उपयोग करता है। इसमें छोटे छोटे ट्रांसमीटर्स होते है जो की बिल्डिंग्स में और ऐसे ही सुरक्षित जगह पर रखे जाते हैं। ये ट्रांसमिटर्स नेटवर्क कव्हरेज को बहुत ज्यादा बढ़ा देते हैं। और लंबी दूरी तक डेटा ट्रांसफर करना आसान होजाता हैं। 4G मे हमे ज्यादा से ज्यादा 100Mbps तक की स्पीड मिलती थी और वही 5G में हमे 20Gbps तक की स्पीड मिलती है।
लो नेटवर्क लेटेंसी (Low Network Latency)-
5G मे नेटवर्क लेटेंसी (Network Latency) यानी विलंब काफी कम है, लेटेंसी का मतलब जब आप किसी लिंक पर क्लिक करते है या कोई भी चीज सर्च करते है तो उसे ओपन होने तक का समय होता है। 4G मैं यह समय 40ms (मिलीसेकंड) का है और वही 5G मैं यह नेटवर्क लेटेंसी 1ms तक या उससे भी कम है। यानी आपने किसी भी लिंक पर क्लिक किया तो सिर्फ 1 मिली सेकंड में वह ओपन हो जायेगी। यह उन एप्लिकेशंस के लिए ज्यादा लाभदायक है जिन्हे रियल टाइम फीडबैक की आवश्यकता होती है।
5G की सेवा से देश में एक डिजिटल क्रांति होगी, रोबोटिक्स तकनिक का विकास होगा और देश की अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी। 5G हर व्यक्ति के जीवन को बेहतर और सरल बनाने में मदद करेगा।

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